Top,चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी,storyinhindi

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एक जंगल का राजा शेर जब बूढ़ा हो गया तो उसके लिये शिकार करना मुश्किल हो गया। कोई जानवर स्वयं तो उसके पास आ नहीं सकता था। वह कई दिन से भूखा था। एक दिन एक Top,चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी,storyinhindi शेर का हाल-चाल पूछने के लिए आई। शेर ने कहा, "मुझे और कोई तो तकलीफ नहीं है, किन्तु हज़ार तकलीफों की एक तकलीफ यह है कि जंगल का कोई जानवर भी यहाँ आसपास नहीं आता, जिसके कारण मैं कई-कई दिनों तक भूखा रहता हूँ। तुम तो जानती हो अब मैं इस काबिल नहीं रहा कि शिकार कर सकूँ।"

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चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी

"क्या, तब तो हुजूर मैं आपके सामने अभी खरगोश को लाकर खड़ा किये देती हूँ। आप भी क्या याद रखेंगे कि लोमड़ी ने कोई काम किया था।" लोमड़ी ने कहा ।
चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी
शेर यह सुनकर खुशी से फूल गया। उसने लोमड़ी से कहा, "मेरी प्यारी लोमड़ी, अगर तुमने आज खरगोश खिला दिया तो

चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी
मैं अपना पूरा राज्य तुम्हें सौंप दूँगा।"

चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी
यह सुनकर लोमड़ी खुशी-खुशी खरगोश के पास गई और चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी और बोली, “आज जंगल का राजा शेर मर गया है, चलो उसे आखिरी बार देखने चलें ।"

खरगोश बहुत चालाक था। उसे पहले तो लोमड़ी की बात का विश्वास नहीं हुआ। फिर भी वह लोमड़ी के साथ शेर की गुफा की ओर चल दिया।

चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी
शेर की गुफा के पास पहुँच कर खरगोश ने सोचा, "पहले अच्छी तरह से विश्वास कर लूं कि शेर मरा भी है या नहीं।" उसे ध्यान से देखा तो शेर सचमुच मुर्दे की तरह पड़ा हुआ था। खरगोश को विश्वास हो गया कि शेर मर ही चुका है। उसी समय लोमड़ी ने कहा, "भाई खरगोश, क्या कोई मुर्दा शेर से भी डरता है, और फिर तुम तो बहुत समझदार हो, जाओ शेर को उसके पास जाकर देखो।"

लोमड़ी की इस बात से खरगोश को कुछ शंका सी हुई। वह दो कदम आगे बढ़ा और फिर रुक गया। उसने लोमड़ी से कहा, 'वाह! तुम मुझे मूर्ख समझती हो लोमड़ी, यह शेर तो जिन्दा है " इसकी दुम तो बिल्कुल भी नहीं हिल रही।"

खरगोश की यह चालाकी भरी बात शेर न समझ सका और शेर ने वहीं पड़े-पड़े अपनी दुम हिला दी।

बस फिर क्या था, खरगोश समझ गया कि यह उसे फँसाने की चाल चली गई है। वह तुरन्त वहीं से नौ-दो ग्यारह हो गया। लोमड़ी और शेर उसे भागते हुए देख भी न सके।

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Conclusion

ज़रूरी नहीं है कि आप अपनी ही ग़लती होने का इंतज़ार करें! समझदार व्यक्ति दूसरों की ग़लतियों से भी सीख लेता है|

FAQ

Ques.1 लोमड़ी और खरगोश की कहानी में चतुर कौन था?
Ans: लोमड़ी|

Ques.2 चतुर लोमड़ी की कहानी क्या है?
Ans: चतुर लोमड़ी की कहानी एक सीख देने वाली कहानी है|

Ques.3 चतुर खरगोश की कहानी का नैतिक क्या है?
Ans: समझदार व्यक्ति दूसरों की ग़लतियों से भी सीख लेता है|

Ques.4 लोमड़ी ने खरगोश से क्या कहा?
Ans: आज जंगल का राजा शेर मर गया है, चलो उसे आखिरी बार देखने चलें|

Ques.5 लोमड़ी को चालाक क्यों कहा जाता है?
Ans: लोमड़ी नित नये पैतरे बदलती रहती है इस लिए लोमड़ी को चालाक कहा जाता है|

चतुर लोमड़ी खरगोश के सामने रो पड़ी

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