आधारशिला मोड्यूल से संबंधित importent Top10Question Answer
Adharshila Module
भाग 1:- पहले भाग में हिन्दी और गणित कक्षा एक से पांच तक आकलन हेतु लक्ष्य
एवं संकेतक हैं ।
भाग 2:- दूसरे भाग में भाषा शिक्षण लक्ष्य एवं भाषाई कौशलों का विकास का क्रम
L.S.R.W. का विवरण है।
भाग 3:- तीसरे भाग में गणित शिक्षण के लक्ष्य एवं उसके सीखने सिखाने का क्रम
E.L.P.S. का विवरण है।
भाग 4:- चौथे भाग में कक्षा 3, 4, 5, में भाषा गणित एवं परिवेशीय अध्ययन के
लर्निंग आउटकम एवं संबन्धित गतिविधियों का विवरण है।
भाग 5:- पाँचवे भाग में बच्चों का व्यक्तिगत आंकलन रिकॉर्ड प्रपत्र एवं कक्षावार
सम्पूर्ण कक्षा का आकलन प्रपत्र है।
भाग 6:- छठवें भाग में शिक्षण संदर्शिका, दैनिक समय सारिणी, साप्ताहिक
कार्ययोजना कक्षा एक व दो के लिए। व्यक्तिगत एवं कक्षा वार आंकलन
प्रपत्र का नमूना।
Adharshila Module की आवश्यकता
आधारशिला हस्तपुस्तिका का विकास इस बात को ध्यान में रखते हुए किया गया है कि प्रारम्भिक स्तर पर कक्षा 1 व 2 में भाषा व गणित विषयों को किस प्रकार रोचक तरीकों व गतिविधियों से शिक्षण कराया जाए ताकि इन विषयों पर बच्चों की समझ का विकास करते हुए मजबूत आधारशिला रखी जा सके।
संख्या पूर्व अवधारणा :-
गिनना, दूर-पास, कम-ज्यादा, छोटा-बड़ा, एक से एक की संगति, समूहीकरण, वर्गीकरण।
फाउण्डेशन लर्निंग से बच्चों एवं शिक्षकों में होने वाले परिवर्तन :-
1. बच्चों के परिप्रेक्ष्य में :-
भाषा एवं गणित की बुनियादी समझ विकसित होगी।
अन्य विषयों को समझने में यह समझ नींव का काम करेगी।
कार्य व व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन होगा।
मानवीय मूल्यों सहयोग, संवेदनशीलता, जिम्मेदारी का विकास होगा।
2. शिक्षकों के परिप्रेक्ष्य में :-
भाषा की मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने के उपायों को जान सकेंगे।
गणितीय दक्षताओं एवं उनको विकसित करने के तरीकों को समझ सकेंगे।
विकसित समझ एवं कौशलों का शिक्षण में उपयोग।
आधारशिला में “ERAC" (अनुभव, चिंतन, अनुप्रयोग, निष्कर्स) का सिद्धांत बच्चों के सीखने की प्रक्रिया पर केंद्रित है।”
E→ Experience (अनुभव)
R→ Reflaction (चिंतन)
A→ Application (अनुप्रयोग)
C→ Consolidation (निष्कर्ष)
लर्निंग आउटकम की श्रेणियां:-
केन्द्रिक लर्निंग आउटकम
↓
नैस्टेड लर्निंग आउटकम
↓
उपलर्निंग आउटकम
केन्द्रिक लर्निंग आउटकम:- केन्द्रिक लर्निंग आउटकम व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित है।
नैस्टेड लर्निंग आउटकम:- नैस्टेड लर्निंग आउटकम सीधे तौर पर शिक्षण प्रक्रियाओं को दिशा देने तथा शिक्षण में सुधार की दृष्टि से विकसित किये गये हैं। यह केन्द्रिक लर्निंग आउटकम के अन्तर्गत आता है।
उपलर्निंग आउटकम:- उपलर्निंग आउटकम नैस्टेड के अन्तर्गत आता है। इसके आधार पर शिक्षक कक्षा शिक्षण करते हैं।
लर्निंग आउटकम के उदाहरण :-
भाषा→
केन्द्रिय लर्निंग आउटकम खुले प्रश्नों (क्या, क्यों, कैसे) पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देते हैं। अभिव्यक्ति के लिए मौखिक विधाओं का प्रयोग करते हैं।
नैस्टेड आउटकम बच्चे सुनकर अपनी भाषा में सहजता से उत्तर देते हैं बच्चे अपने घर- परिवार, आस-पड़ोस की वस्तुओं, पशु-पक्षियों, दुकान-बाजार के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
गणित→
केन्द्रिय आउटकम बच्चे अपने परिवेश को मात्रात्मक रूप में देखने व समझने के लिए संख्याओं का प्रयोग करते हैं।
नैस्टेड आउटकम बच्चे अपने आस-पास की वस्तुओं जैसे पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं में अन्तर और समानता समझते हैं एवं तुलना करते हैं। जैसे छोटा-बड़ा, मोटा-पतला, हल्का-भारी आदि। बच्चे अपने आस-पास की वस्तुओं में पैटर्न खोज लेते हैं। बच्चे अपने आस-पास की वस्तुओं को संख्यात्मक रूप में व्यक्त कर सकते हैं।
उपलर्निंग आउटकम जैसे बच्चे दैनिक जीवन में 1 से 9 तक की संख्याओं को ठोस वस्तुओं, चित्रों के माध्यम से जोड़ एवं घटा लेते हैं। बच्चे अपने आस-पड़ोस की वस्तुओं, पशु-पक्षियों के नाम तथा उनके बारे में अपनी भाषा में बताते हैं।
फाउंडेशन लर्निंग शिविर :- यह शिविर 50 दिन का होगा और इसमें 90 मिनट के भाषा और गणित के दो वादन होंगे। भाषा के चार और गणित के पांच प्रमुख केन्द्रिक लर्निंग आउटकम हैं।
भाषा→ 1. सुनना-बोलना।
2. पढ़ना-लिखना।
3. भाषा संरचना और व्याकरण।
4. कल्पना और सृजनशीलता।
गणित→ 1. बच्चे अपने परिवेश को मात्रात्मक रूप से देखने व समझने के लिए
संख्याओं का प्रयोग करते हैं।
2. बच्चे संख्याओं के बीच संबंधों को समझकर गणितीय संक्रियाओं के
उपयोग में कुशल हैं।
3. बच्चे किसी संख्या या समूह को उसके हिस्सों के रूपों में देख पाते हैं तथा
विभिध गणित संक्रियाओं को समझकर व्यक्त कर पाते हैं ।
4. बच्चे स्थान व मात्रा के विभिन्न गणितीय पहलुओं का परिवेश की
जानकारी को समझने और दर्शाने में करते हैं।
5. बच्चे समय, मुद्रा और आंकड़ों का महत्व समझते हैं तथा उसका उपयोग
अपने जीवन को बेहतर बनाने में करते हैं।
“गणित शिक्षण पूरी तरह मूर्त से अमूर्त की ओर बढ़ने की प्रक्रिया है।”
गतिविधियों के प्रकार :-
गतिविधियों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं –
मौखिक।
लिखित।
सामग्री आधारित।
आई.सी.टी. आधारित।
कक्षा में क्रियान्वयन के आधार पर इनके तीन प्रकार होते हैं –
एकल।
छोटे समूह में।
बड़े समूह या पूरी कक्षा के साथ।
गतिविधि कैसे बनाएं :-
वस्तुओं के सहारे।
परिस्थितियों के सहारे।
परिचित गतिविधियां।
लर्निंग आउटकम से जोड़ना।
पाठ्य-पुस्तक के सहारे।
कक्षा प्रबंधन।
शिक्षण योजना।
आंकलन एवं मूल्यांकन।
भाषा के दो पहलू होते हैं-
यांत्रिक - लिपि, वर्तनी शुद्धता, उच्चारण, सुलेख।
चिन्तनात्मक – भाव, अर्थग्रहण, सोचना, प्रतिक्रिया देना, सारांश निकालना,
प्रदर्शन आदि।
भाषा शिक्षण की 40 मिनट की शिक्षण योजना इस प्रकार हो सकती है-
सुनना-बोलना = 15 मिनट।
पढ़ना-लिखना = 20 मिनट।
आंकलन और सुधार = 5 मिनट।
बच्चों से बातचीत के दौरान चार प्रकार के सवालों का उपयोग करना चाहिए-
सूची सवाल :- ऐसे सवाल जिनके उत्तर एक या दो शब्द के होते हैं।
प्रक्रिया आधारित सवाल :- इन सवालों में वर्णन करना होता है।
तर्क आधारित सवाल :- इस प्रकार के प्रश्नों में ‘क्यों’ शब्द का प्रयोग किया
जाता है।
कल्पना आधारित सवाल :- ये सवाल भाषा विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण
है। ये सवाल ‘अगर’ या ‘यदि’ वाले सवाल होते हैं।
लिखने के लिए जरूरी कौशल
गत्यात्मक (मोटर) कौशल - अक्षर लिखने के लिए हाथ और अंगुलियों का
भाषा संरचना संबंधी कौशल - ध्वनियों को चिन्हों में बदलना, सही वाक्य
संरचना, विराम चिन्हों का उचित प्रयोग।
संज्ञानात्मक कौशल - क्या लिखना है इस बारे में सोचने, बात को तार्किक ढंग
से लिखने और एक सूत्र में पिरोने का कौशल।
बच्चों में लेखन विकास के स्तर:-
उभरता लेखन।
शुरुआती परंपरागत लेखन स्तर।
मध्यवर्ती लेखन स्तर।
प्रवाहपूर्ण लेखन स्तर।
गणितीय दक्षता विकास के घटक:-
बातचीत के तरीके / स्वरूप।
गणित सीखने-सिखाने का क्रम।
गणित सीखने-सिखाने के उपकरण।
बच्चों की भूमिका।
शिक्षण के दौरान विकसित की जाने वाली मूल दक्षताएं।
छोटे-बड़े समूहों में कार्य करने के दौरान ध्यान देने योग्य बातें।
गणित सीखने-सिखाने के तरीके।
गणित शिक्षण की 40 मिनट की योजना इस प्रकार हो सकती है-
ठोस वस्तुओं के साथ कार्य 10 मिनट।
ठोस वस्तुओं के साथ अनुभवों के बारे में बात- 10 मिनट।
चित्रों पर कार्य- 10 मिनट।
प्रतीकों पर कार्य और समेटना- 10 मिनट।
THANK YOU
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